Dhanteras : यह त्योहार, जो पांच दिवसीय दिवाली उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है, को धनत्रयोदशी और धन्वंतरि त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है।
Dhanteras , त्योहार जो दिवाली की शुरुआत का प्रतीक है, इस वर्ष 10 नवंबर को मनाया जाएगा। भगवान कुबेर और देवी लक्ष्मी के स्वागत के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स, बरतन, और चांदी और सोने के आभूषणों सहित मूल्यवान वस्तुओं को खरीदने के लिए यह दिन शुभ माना जाता है – दोनों को हिंदू पौराणिक कथाओं में धन और सफलता के रूप में दर्शाया गया है। ‘धन’ धन को दर्शाता है, और ‘तेरस’ कृष्ण पक्ष के तेरहवें दिन को दर्शाता है। यह त्योहार, जो पांच दिवसीय दिवाली उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है, को धनत्रयोदशी और धन्वंतरि त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। यह हिंदू कैलेंडर के अश्विन या कार्तिक महीने में कृष्ण पक्ष के 13वें चंद्र दिवस पर मनाया जाता है।
Dhanteras का समय
इस वर्ष, धनतेरस पूजा मुहूर्त शाम 5:47 बजे से शाम 7:43 बजे तक या लगभग दो घंटे तक रहने वाला है। भगवान को फूल, मालाएं और प्रसाद जैसे लपसी या आटा हलवा, गुड़ के साथ धनिया के बीज, या बूंदी के लड्डू चढ़ाए जा सकते हैं। पूजा के दौरान देवी लक्ष्मी, गणेश, धन्वंतरि और भगवान कुबेर की पूजा की जाती है। देवी सरस्वती, देवी महा लक्ष्मी और देवी महा काली, देवी लक्ष्मी के तीन रूप हैं जिनकी पूजा के दौरान पूजा की जाती है।
Dhanteras का इतिहास
कहानी यह है कि धनतेरस के दिन, देवी दुर्गा और भगवान कुबेर “सागर मंथन” के दौरान समुद्र से निकले थे, यही कारण है कि त्रयोदशी के शुभ दिन पर दोनों की पूजा की जाती है। जब देवता और असुर “अमृत” के साथ समुद्र पर यात्रा कर रहे थे, तो “सागर मंथन” के दौरान भगवान धन्वंतरि आखिरी बार उभरे।
Dhanteras की शुभकामनाएं
धनतेरस पर, यहां कुछ संदेश दिए गए हैं जिन्हें आप अपने प्रियजनों को शुभकामनाएं देने के लिए भेज सकते हैं:
भगवान कुबेर सदैव आपके आसपास रहें और अपनी कृपा बनाए रखें। शुभ धनतेरस ।
आशा है कि धनतेरस का यह त्योहार आपके जीवन में सौभाग्य, धन और समृद्धि लाए।
देवी लक्ष्मी सदैव आपके हृदय में रहें और आपको खुश और स्वस्थ रहने में मदद करें।
आपको जीवन में सभी अच्छी चीजों की शुभकामनाएं।
प्रार्थना है कि धनतेरस का त्योहार आपके जीवन को असीमित सुख, शांति और सफलता से भर दे।
देवी लक्ष्मी आप पर अपना आशीर्वाद, खुशियां, धन और सफलता बरसाएं।
आपको और आपके परिवार को धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
जीवन में चमकते रहो और बढ़ते रहो। आपको धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएं।
Dhanteras पर भूलकर भी न खरीदें ये 5 चीजें, घर से मुंह मोड़ लेंगी मां लक्ष्मी, चली जाएगी सुख-समृद्धि
धनतेरस का पर्व कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. इस वर्ष धनतेरस 10 नवंबर को है. माना जाता है कि धनतेरस के शुभ दिन पर सोना, चांदी और बर्तन खरीदने से पूरे साल संपन्नता बनी रहती है. साथ ही घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है. वहीं, धनतेरस पर कुछ चीजों को खरीदने से बचना चाहिए. कहते हैं कि इन चीजों को खरीदने से मां लक्ष्मी रुष्ठ होती हैं, जिससे घर में आर्थिक संकट पैदा हो सकता है. आइए उन्नाव के ज्योतिषाचार्य पं. ऋषिकांत मिश्र शास्त्री से जानते हैं कि धनतेरस पर किन चीजों को नहीं खरीदना चाहिए.
1 . लोहे की चीजें: Dhanteras पर जहां खरीदारी करने का विथान है, वहीं कुछ चीजें खरीदने की मनाही भी होती है. ज्योतिषाचार्य के अनुसार, धनतेरस पर लोहे से बनी चीजों को भूलकर भी नहीं खरीदना चाहिए. दरअसल लोहे का सीधा संबंध राहु और केतु से होता है. ऐसे में धनतेरस के दिन लोहे से बनी चीजें घर पर लाने से राहु ग्रह की अशुभ छाया पड़ सकती है. ऐसा करने से घर में परेशानियां बढ़ने लगती है.
2. कांच का सामान: Dhanteras के दिन कांच से बना बर्तन या अन्य सामान खरीदने से बचना चाहिए. ऐसा करने से मां लक्ष्मी रुष्ठ होती हैं. इसके अलावा, मान्यता है कि कांच के सामान का सीधा संबंध भी राहु ग्रह से होता है. राहु ग्रह के घर में आने से दरिद्रता का वास होता है. इससे बनते कार्य बिगड़ने लगते हैं
3. स्टील खरीदें से बचें: Dhanteras पर बर्तन खरीदने की परंपरा काफी समय से चली आ रही है. स्टील भी लोहा का ही दूसरा रूप है इसलिए कहा जाता है कि स्टील के बर्तन भी धनतेरस के दिन नहीं खरीदने चाहिए. स्टील के बजाए कॉपर या ब्रॉन्ज के बर्तन खरीदे जा सकते हैं.
4 . काले रंग की चीजें: Dhanteras के दिन काले रंग के कपड़े या फिर अन्य कोई सामान खरीदकर घर लाने से बचना चाहिए. दरअसल, काला रंग हमेशा से दुर्भाग्य का प्रतीक माना गया है. यदि आप काले रंग का कपड़ा पहनते हैं तो आपकी कुंडली में शनि देव हावी हो सकते हैं. यही वजह है कि धनतेरस पर काले रंग की चीजें नहीं खरीदनी चाहिए.
5 . धारदार वस्तुएं: Dhanteras के दिन यदि आप खरीदारी करने निकले हैं तो चाकू, कैंची व दूसरे धारदार हथियारों को खरीदने से बचना चाहिए. ऐसा करने से मां लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर नाराज होते हैं, जिससे धन संकट पैदा होता है. घर नकारात्मक शक्तियां का वास होता है.
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