Indian Navy: नौसेना ने बताया कि 17 अगस्त को गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई), कोलकाता में राष्ट्रपति मुर्मू द्वारा इसका लॉन्च किया जाएगा। 1981 से 2012 तक के लगभग 31 वर्षों की सेवा के दौरान पुराने विंध्यागिरि (आईएनएस विंध्यागिरि) ने विभिन्न चुनौतीपूर्ण संचालन और बहुराष्ट्रीय अभ्यासों का सामना किया था।
नौसेना ने एक बयान में कहा, “‘विंध्यगिरि’ अपनी समृद्ध नौसैनिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए स्वदेशी रक्षा क्षमताओं के भविष्य की दिशा में अपना योगदान देने के लिए भारत के मजबूत संकल्प का प्रतीक बना है।” परियोजना 17ए के तहत मझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) द्वारा कुल चार जहाज और जीआरएसई द्वारा तीन जहाज निर्माणाधीन हैं।
‘विंध्यागिरी’ के बारे में जानिए
1-विंध्यागिरी’ पोत का नाम कर्नाटक में पर्वत श्रृंखला के नाम पर रखा गया है
2-यह प्रोजेक्ट 17ए फ्रिगेट का छठा पोत है
3-पुराने विंध्यागिरी ने 31 साल की सेवा के दौरान कई बहुराष्ट्रीय अभ्यासों में हिस्सा लिया था
4-प्रोजेक्ट 17ए कार्यक्रम के तहत माझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) चार और जीआरएसई तीन पोत निर्माणाधीन
5-परियोजना के पहले पांच पोतों का 2019-2022 के बीच अनावरण किया गया था
6-प्रोजेक्ट 17ए पोत को भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो ने देश में ही डिजाइन किया है
7-प्रोजेक्ट 17ए पोतों के उपकरणों और प्रणालियों के लिए 75 प्रतिशत ऑर्डर स्वदेशी कंपनियों से पूर्ण किए गए हैं