Ratan Tata 86th Birthday
Ratan Tata 86th Birthday: Ratan Tata ने भारत में पहली बार पूर्ण रूप से बनी कार का उत्पादन शुरू किया। इस कार का नाम है टाटा इंडिका। एक बार फोर्ड के चेयरमैन ने Ratan Tata के बारे में अपमानजनक बातें कहीं इसका जवाब टाटा ने नौ साल के बाद दिया। जिसके बाद फोर्ड चेयरमैन को अपने सुर बदलने पड़ गए।
भारतीय उद्योगपति और Tata संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा का आज यानी 28 दिसंबर को 86वां जन्म दिन है। ख्यातिप्राप्त बिजनेस मैन के अलावे Ratan Tata एक मोटिवेशनल स्पीकर भी रहे हैं। वे परोपकार और मानवता की भावना के बिना कारोबार का संचालन करने में भरोसा नहीं रखते हैं। उनका जन्म 28 दिसंबर 1937 को मुंबई में नवल टाटा और सूनी टाटा के घर हुआ। वे देश के प्रतिष्ठित टाटा परिवार का हिस्सा थे। उन्होंने टाटा ग्रुप में अपने करियर की शुरुआत 25 की आयु में की।
Ratan Tata 86th Birthday:1959 में पढ़ाई के लिए अमेरिका गए रतन टाटा
वर्ष 1959 में आर्किटेक्चर और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए वे अमेरिका के काॅरनेल यूनिवर्सिटी गए। साल 1962 में India लौटने से पहले लॉस एंजिल्स के जोन्स और इमोन्स नामक कंपनी में उन्होंने नौकरी की। 1962 में India लौटने के बाद बाद उन्होंने Tata ग्रुप ज्वाइन किया। ग्रुप में उन्हें पहला काम जमशेदपुर स्थित Tata स्टील डिविजन में मिला। वर्ष 1975 में उन्होंने हार्वार्ड बिजनेस स्कूल से प्रबंधन का कोर्स किया। वर्ष 1991 में टाटा ग्रुप के चेयरमैन बने। ये तो वे बातें हैं कि जो रतन टाटा के बारे में सब जानते हैं। पर रतन टाटा के बारे में कुछ ऐसी भी बाते हैं जो कम ही लोगों को पता है। आइए आपको इसके बारे में बताते हैं-
Ratan Tata 86th Birthday : पहली पूर्ण रूप से India में बनी कार लेकर आए Ratan Tata
Ratan Tata ने India में पहली बार पूर्ण रूप से बनी कार का उत्पादन शुरू किया। इस कार का नाम है Tata इंडिका। India में सौ फीसदी बनी इस कार को पहली बार वर्ष 1998 में ऑटो एक्सपो और जेनेवा इंटरनेशनल मोटर शो में प्रदर्शित किया गया। इंडिका पहली देसज कार थी जो पेट्रोल और डीजल दोनों इंजनों में उपलब्ध था। रतन टाटा की अगुवाई में टाटा ग्रुप ने एंग्लो-डच स्टीलमेकर कोरस, ब्रिटिश लग्जरी ब्रांड लैंड रोवर और जगुआर का अधिग्रहण कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अंपना डंका बजाया। Ratan Tata के नाम दुनिया की सबसे सस्ती कार Tata नैनो बनाने की भी उपलब्धि है।
Ratan Tata को 10 साल की उम्र तक दादी ने पाला
Ratan Tata का पालन पोषण दस वर्ष की आयु तक उनकी दादी लेडी नवाजबाई ने टाटा पैलेस में किया।
Tata स्टील में भट्ठी में चूना पत्थर डालने का काम किया
अमेरिकी तकनीकी दिग्गज आईबीएम के साथ नौकरी की पेशकश के बावजूद, Tata ने India लौटने का फैसला किया और Tata स्टील के साथ अपना करियर शुरू किया। उनके परिवार के सदस्य कंपनी के मालिक थे, पर उन्होंने एक सामान्य कर्मचारी के तौर पर कंपनी में काम शुरू किया। उन्होंने टाटा स्टील के प्लांट में चूना पत्थर को भट्ठियों में डालने जैसा काम भी किया।
Ratan Tata को विमान उड़ाने और कारों का शौक है
Ratan Tata को उड़ने का बहुत शौक है। वह 2007 में F-16 फाल्कन उड़ाने वाले पहले भारतीय बने। उन्हें कारों का भी बहुत शौक है। उनके संग्रह में मासेराती क्वाट्रोपोर्टे, मर्सिडीज बेंज एस-क्लास, मर्सिडीज बेंज 500 एसएल और जगुआर एफ-टाइप जैसी कारें शामिल हैं।
…जब फोर्ड कंपनी के चेयरमैन ने Ratan Tata का किया अपमान
90 के दशक में जब इंडिगो पहली बार लॉन्च किया गया तब कंपनी की सेल उम्मीदों के अनुरूप नहीं हो पाई। उस वक्त Tata ग्रुप ने चुनौतियों से जूझ रही Tata मोटर्स के पैसेंजर कार डिविजन को बेचने का फैसला लिया। इसके लिए Ratan Tata ने अमेरिकन कार निर्माता कंपनी फोर्ड मोटर्स के चेयरमैन बिल फोर्ड से बात की। बातचीत के दौरान बिल फोर्ड ने उनका मजाक उड़ाते हुए कहा था
कि तुम कुछ नहीं जानते, आखिर तुमने पैंसेजर कार डिविजन शुरू ही क्यों किया? अगर मैं यह सौदा करता हूं तो यह तुम्हारे ऊपर एक बड़ा अहसान होगा। फोर्ड चेयरमैन के इन शब्दों से रतन टाटा बहुत आहत हुए पर उन्होंने इसे जाहिर नहीं किया। उसके बाद उन्होंने पैंसेजर कार डिविजन बेचने का अपना फैसला टाल दिया और अपने अंदाज में उनसे इसका बदला लिया।
नौ साल बाद Ratan Tata ने अपमान का ऐसे लिया बदला
फोर्ड के साथ डील स्थगित करने के बाद Ratan Tata स्वदेश लौट आए और Tata मोटर्स के कार डिविजन पर ध्यान केंद्रित कर उसे बुलंदियों पर पहुंचा दिया। फो…